नटखट श्री कृष्ण छोटे से है गोल गोल उनकी आँखें है तो उनके केश गुनघराले है अल्कावली पूरे दिन मुख पर आती रहती है यशोदा मईया सवेरे सवेरे कन्हइया के पूरे केशों को एक साथ इक्कठा करके एक जुड़ा सा बनाकर कन्हइया के सिर पर बीच मे अटका देती है और उस जुड़े में एक मोर पंख लगा देती है फिर यशोदा मईया कन्हइया की आँखों मे काजल लगाती है उनको वस्त्र, माला, कड़े बाजूबंद, पाज़ेब धारण तो कराती है लेकिन नटखट.............. ...
श्री कृष्ण कन्हइया वस्त्रों को तो थोड़ी देर बाद उतार देते है और माला, बाजूबंद, कड़े , पाज़ेब पहने हुए नगम नंगे घूमते रहते है नटखट से कन्हइया आभूषण तो धारण करते है किंतु वस्त्र धारण नही करते । श्री कृष्ण कन्हइया का यह प्रिय सिंगार है
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- Shri Krishna
भक्तों जब भगवान श्री कृष्ण शिशु रूप में गोकुल आये थे तो बहुत ही भव्य उत्सव हुआ था सभी गोकुल वासी हर्षोउल्लास से भर गए थे क्योकि नंद बाबा को बहुत समय पश्चात पुत्र की प्राप्ति हुई थी और नंद गोकुल व अन्य आसपास के गांवों व गवालो के मुखिया थे नंद जी ने पुत्र जन्म की खुशी में स्वर्ण आभूषण व एक लाख गऊओं का दान किया था गोकुल व अन्य गांव वासियों की भेटों को प्राप्त कर कर भी तृप्ति नही हुई थी श्र ...
कृष्ण के अति सुन्दर मुख को देखकर उनका मन बार बार श्री कृष्ण को देखने के लिए लालायित हो रहा था सभी की नजर पालने में झूल रहे श्री कृष्ण की ओर ही टिकी हुई थी जो भी श्री कृष्ण के मुख को एक बार देख लेता वो वही खड़ा रह जाता वहाँ से हटता ही नही कहते है कि इतना भव्य रूप गोकुल व अन्य गांव वासियों ने किसी भी नवजात शिशु का नही देखा था और होता भी कैसे स्वयं पूर्ण भगवान ने धरती पर अवतार धारण किया था
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