प्रभु भक्तों अगर पूजा करनी है तो भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें क्योकि भगवान श्री कृष्ण ही सर्वशक्तिमान है जो लोग भिन्न भिन्न देवताओं व पितरों की पूजा करते है वह उन देवताओं पितरों की पूजा से मनवांछित फल तो प्राप्त कर सकते है लेकिन भगवान श्री कृष्ण को प्राप्त नही कर सकते । भगवान श्री कृष्ण को अगर प्राप्त करना है तो केवल भगवान श्री कृष्ण की भावपूर्ण आराधना करें क्योकि यदि कोई प्रतिपल आपके साथ है तो वह केवल भगवान श्री कृष्ण है । भगवान श्री कृष्ण सदैव अपने भक़्त के सुख और दुख दोनों में उनके साथ रहते है और अपने भक्तों को निस्वार्थ भाव से प्रेम कर उनकी प्रतिपल रक्षा करते है इस लिए हमें पिता के रूप में भगवान श्री कृष्ण की और माता के रूप में जगतजननी श्री राधा रानी की आराधना करनी चाहिए जो भगत श्री राधेकृष्ण की आराधना करते है वह श्री राधेकृष्ण के ही चरणों मे स्थान प्राप्त करते है उनको किसी अन्य देव या पितर योनि में भटकने की आवश्यकता नही पड़ती । वह सीधे श्री राधेकृष्ण के चरणों मे ही स्थान प्राप्त करते है।