श्री कृष्ण का ब्रजवासियों को दावानल से बचाना - भगवान श्री कृष्ण दिव्य माला, गन्ध, वस्त्र, महामूल्य मणि और सुवर्णमय आभूषणों से विभूषित हो जब यमुना कुण्ड से बाहर निकले । उनको देखकर सब के सब ब्रजवासी इस प्रकार उठ कर खड़े हो गए जैसे प्राणों को पाकर इन्द्रियाँ सचेत हो जाती हैं। सभी गोपों का हृदय प्रफुल्लित हो गया। यशोदा रानी, रोहिणी, नन्दबाबा, गोपी और गोप, सभी श्री कृष्ण को पाकर सचेत हो गए। ब्रजवासी और गौएँ सब बहुत ही थक गए थे । ऊपर से भूख भी सता रही थी। इसलिए उस रात वे ब्रज में न जाकर यमुना के तट पर ही सो गए। आधी रात को जंगल में आग लग गई। उस आग ने सोए हुए ब्रजवासियों को चारों ओर से घेर लिया और उन्हें जलाने लगी। इससे ब्रजवासी घबराकर उठ खड़े हुए और लीलाधारी भगवान श्री कृष्ण की शरण में गए और कहा- देखो, वन की आग तुम्हारे सगे सम्बन्धियों और हम स्वजनों को जलाना चाहती है। हमारी रक्षा करो। यह देख सुनकर भगवान श्री कृष्ण उस भयंकर आग को स्वयं पी गए। इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने सभी को दावानल से बचा लिया।- Shri Krishna