भगवान श्री कृष्ण ने शकटा सुर का वध कैसे किया? शकटा सुर अपने पूर्व जन्म में कौन था

भगवान श्रीकृष्ण की बाल्यकाल की लीलाओं में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय कथा है शकटासुर वध की। यह कथा न केवल श्रीकृष्ण की अलौकिक शक्तियों और चमत्कारों को दर्शाती है, बल्कि इसमें गहरे आध्यात्मिक और पौराणिक अर्थ भी छिपे हुए हैं। यह कहानी उस समय की है जब भगवान श्रीकृष्ण ने बाल रूप में …

श्री कृष्ण भगवान और बलराम जी का नामकरण कैसे हुआ और किसने किया?

भगवान श्रीकृष्ण और बलरामजी का नामकरण संस्कार यदुवंश के कुलगुरु महर्षि गर्गाचार्य द्वारा गोकुल में संपन्न हुआ था। महर्षि गर्गाचार्य द्वापर युग में एक प्रमुख ऋषि और यदुवंश के कुलगुरु थे। उनका जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी को माता विजया और पिता महर्षि भुवमन्यु के घर हुआ था। वे महर्षि भारद्वाज के पौत्र और …

श्री कृष्ण भगवान ने जब कंस के कारागार में अवतार धारण किया तो उनकी स्तुति करने के लिए कौन कौन से देवता आए

श्रीकृष्ण भगवान का अवतार द्वापर युग में हुआ था। उनके जन्म की तिथि को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि के समय माना जाता है। इस पावन दिन को जन्माष्टमी के रूप में जाना जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, …

भगवान श्री कृष्ण ने पूतना राक्षसी का वध कैसे किया उसको किसने भेजा था और यह राक्षसी अपने पूर्व जन्म में कौन थी

पूतना वध की कथा: भगवान श्री कृष्ण ने पूतना राक्षसी का वध अपनी बाल्यावस्था में किया। पूतना कंस द्वारा भेजी गई थी। कंस ने भविष्यवाणी सुनी थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा, इसलिए उसने अपने आस-पास के सभी नवजात शिशुओं को मारने का आदेश दिया। इसी उद्देश्य से कंस ने पूतना को …

श्री कृष्ण भगवान ने बकासुर का वध कैसे किया और बकासुर अपने पिछले जन्म में कौन था

बकासुर का वध: बकासुर एक राक्षस था जो भगवान श्री कृष्ण के बाल्यकाल में मथुरा के पास व्रज क्षेत्र (गोकुल) में उत्पन्न हुआ था। बकासुर मथुरा के राजा कंस का एक मित्र था और कंस ने उसे व्रजवासियों को परेशान करने के लिए भेजा था। बकासुर ने व्रज के गाँव में आकर वहां के लोगों …

श्री कृष्ण भगवान के गोकुल आगमन पर कैसा उत्सव हुआ

जब नन्हें श्री कृष्ण गोकुल आए, तो गोकुल में उत्सव का माहौल अत्यंत आनंदमय और हर्षोल्लास से भरा हुआ था। यह क्षण एक दिव्य और अद्वितीय आनंद का स्रोत था। गोकुल के उत्सव का वर्णन: 1. प्रकृति की आभा: नंद बाबा और यशोदा मैया के घर में श्री कृष्ण का आगमन मानो प्रकृति के लिए …

जब वासुदेव मथुरा कारागार में यशोदा की कन्या को लेकर आए तो क्या हुआ

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद, वसुदेव उन्हें मथुरा की कारागार से गोकुल ले गए और वहाँ अपने मित्र नंद बाबा की पत्नी यशोदा माता के पास श्री कृष्ण को लेटा दिया। इसके बदले में, वसुदेव यशोदा की नवजात कन्या को मथुरा ले आए। जब कंस को कन्या होने का पता चला तो उसने उस …

श्री कृष्ण भगवान के गोकुल आगमन पर कैसा उत्सव हुआ

जब भगवान श्री कृष्ण शिशु रूप में गोकुल आये थे। तो बहुत ही भव्य उत्सव हुआ था सभी गोकुल वासी हर्षोउल्लास से भर गए थे क्योकि नंद बाबा को बहुत समय पश्चात पुत्र की प्राप्ति हुई थी। और नंद गोकुल व अन्य आसपास के गांवों व गवालो के मुखिया थे। नंद जी ने पुत्र जन्म …

नंद और यशोदा अपने पूर्व जन्म में कौन थे और उन्होंने भगवान को किस रूप में देखने के लिए तपस्या की

भगवान श्री कृष्ण भक्तों माता यशोदा और नंद जी ने अपने पूर्व जन्म में भगवान की अत्यंत कठोर भक्त्ति की थी। यशोदा मईया और नंद जी अपने पूर्व जन्म में धरा और द्रोण नाम के वसु थे उस समय धरा ओर द्रोण ने गंदमादन पर्वत पर कई हजार वर्षो तक इस उद्देश्य से तपस्या की …

शिव, ब्रह्मा और सभी देवताओं का भगवान विष्णु के पास जाकर पृथ्वी से राक्षसी शक्तियों का विनाश करने के लिए प्रार्थना करना

श्री कृष्ण भगवान के जन्म से पूर्व जब धरती राक्षसी शक्तियों और पापियों के आक्रांत से त्राहि त्राहि हो रही थी तब ब्रह्मा ,शिव और सभी देवतागण एकत्र होकर भगवान विष्णु के पास गए और उनसे विनम्र निवेदन कर कहने लगे कि हे प्रभु आप ही इस जगत के जन्म दाता ,पालन कर्ता और संहारक …

राजा परीक्षित को कलयुग कहाँ मिला और राजा परीक्षित ने कलयुग के शरण मांगने पर उसको कौन कौन से स्थान दिए

एक दिन राजा परीक्षित वन में आखेट के लिए जाते हैं जहाँ अचानक उनका सामना कली पुरूष (कलयुग) से होता है, जो राजा परीक्षित को कलयुग के गुण बताकर उनसे अपने रहने के लिए स्थान मांगता है। राजा परीक्षित ने उसे पांच स्थान में ही रहने की इजाजत दे दी। जहाँ शराब का सेवन हो, …

श्री कृष्ण भगवान जब गोकुल से मथुरा जाने लगे तो अपनी प्रियतम श्री राधा रानी से उन्होंने क्या कहा और श्री राधा रानी ने भगवान श्री कृष्ण से कौन से दो वचन लिये

श्री कृष्ण भगवान जब गोकुल से मथुरा जाने लगे तब वह मथुरा जाने से पहले श्री राधा से मिलने के लिए उनके पास वन में गए जहाँ पर भगवान श्री कृष्ण ज्यादातर राधा रानी से मिलते थे तब श्री राधे रानी ने उन्हें रोकने का बहुत प्रयास किया लेकिन प्रभु तो प्रभु है उन्होंने कर्म …

श्री कृष्ण भगवान ने धर्म को बनाया सृष्टि का आधार

भक्तों जैसे किसी भी वस्तु साधन आदि के निर्माण या उसको चलाने के लिए उसका एक आधार बनाया जाता है वैसे ही भगवान श्री कृष्ण ने इस सृष्टि को सही व समानान्तर रूप से चलाने के लिए इसका एक भाग धर्म बनाया है धर्म ही इस सृष्टि का आधार है ओर उसी तरह इस सृष्टि …

श्री कृष्ण भगवान ने ब्रह्मा का कैसे मान भंग किया और उनको उपदेश देकर क्षमा किया

द्वापर युग मे भगवान श्री कृष्ण अपने बाल सखाओं के साथ वन में गईया चरा रहे थे तो गईया चराते चराते हुए सभी बाल ग्वालों को भूख लगी तो सभी अपने परम सखा श्री कृष्ण कन्हइया को कहने लगे मित्र हमें भूख लगी है चलो भोजन करते है इसलिए सभी जो कुछ अपने अपने घर …

विष्णु भगवान ने कैलाश पति शिव शंकर भोले नाथ की भस्मासुर से कैसे रक्षा की

भक्तों भगवान श्री कृष्ण विष्णु रूप में अपने परम भक्त कैलाश पति शिव शंकर भोले नाथ की कैसे रक्षा करते है इसका प्रमाण यह है कि जब भस्मासुर ने शिव जी से किसी के भी ऊपर हाथ रखकर उसको भस्म करने का वरदान प्राप्त किया तो भस्मासुर ने वरदान प्राप्त कर सबसे पहले पार्वती माता …

भगवान विष्णु के पास जाकर पृथ्वी और सभी देवताओं का प्रर्थना करना और पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करना

यह उस समय की बात है जब यह संसार ऐसे राजाओं की अनावश्यक सैनिक शक्ति से बोझिल हो गया, जो वास्तव में असुर थे, किन्तु अपने आपको राजा मान रहे थे। तब सारा संसार विक्षुब्ध हो उठा और पृथ्वी की अधिष्ठात्री देवी, जिसे भूमि कहते हैं, इन आसुरी राजाओं से उत्पन्न अपनी विपदाओं को बताने …

भगवान ने धरती पर कितने अवतार धारण किये और कहा किए

भगवान विष्णु ने धरती पर विभिन्न युगों में मानवता के कल्याण के लिए अनेक अवतार धारण किए। उनके इन अवतारों का उद्देश्य अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करना था। विष्णु पुराण और श्रीमद्भागवत महापुराण में दस प्रमुख अवतारों का वर्णन है जिन्हें दशावतार कहा जाता है। इसके अलावा भी अनेक अवतारों का उल्लेख …

श्री नारायण भगवान ने नारद मुनि का कैसे मान भंग किया

एक समय की बात है श्री भगवान नारायण अपनी शेष नाग सईया पर ध्यान मगन लेटे हुए थे । उसी समय नारद मुनि नारायण नारायण करते हुए वहाँ पहुँचे और श्री नारायण भगवान को प्रणाम किया । लेकिन नारायण भगवान ध्यानमग्न ही लेटे रहे । लेकिन जब नारदमुनि काफी समय तक श्री नारायण नारायण नाम …

ब्रह्मा जी को दर्शन देकर भगवान विष्णु ने क्या उपदेश दिया था और इस उपदेश का क्या उद्देश्य था

भगवान विष्णु द्वारा ब्रह्मा जी को दिए गए उपदेश का उल्लेख प्रमुख रूप से विष्णु पुराण, श्रीमद्भागवत महापुराण और अन्य वैदिक ग्रंथों में मिलता है। यह उपदेश न केवल सृष्टि के आरंभ के समय ब्रह्मा जी के लिए मार्गदर्शन के रूप में था, बल्कि यह समस्त मानव जाति के लिए धर्म, ज्ञान, कर्म, भक्ति और …

श्री कृष्ण भगवान की गोवर्धन लीला कैसे की और इंद्र का अहंकार कैसे तोड़ा

भगवान श्री कृष्ण की कई दिव्य लीलाएँ हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध लीला “गोवर्धन पर्वत उठाना” है। यह लीला इस प्रकार है: जब इन्द्रदेव ने गोकुलवासियों से नाराज होकर मूसलधार बारिश शुरू कर दी, तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाया और सभी गोकुलवासियों को उसकी छांव में सुरक्षित किया। …

इस सम्पूर्ण सृष्टि का सबसे सर्वोत्तम धाम श्री गोलोक धाम है जहाँ श्री कृष्ण भगवान संग श्री राधा रानी रहती है

भक्तों इस सम्पूर्ण सृष्टि में सबसे सुन्दर और सबसे सर्वोत्तम धाम अगर कोई है तो वह श्री गोलोक धाम है यह धाम भगवान श्री कृष्ण का निवास स्थान है इस धाम में भगवान श्री कृष्ण श्री राधा रानी और अपने पार्षदों व लीलता, विशाखा जैसी परम सखियों के साथ रहते है भगवान श्री कृष्ण के …

श्री राधाकृष्ण प्रेम कथा

श्री राधा जी को जब यह पता चला कि कृष्ण पूरे गोकुल में माखन चोर कहलाता है तो उन्हें बहुत बुरा लगा, उन्होंने कृष्ण को चोरी छोड़ देने का बहुत आग्रह किया। पर जब कृष्ण अपनी माँ की ही नहीं सुनते तो अपनी प्रियतमा की कंहा सुनते । उन्होंने माखन चोरी की अपनी लीला को …

भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी की अद्भुत प्रेम लीला

एक बार श्री कृष्ण और श्री राधा जी एक वन में प्रेम लीला कर रहे थे। भगवान श्री कृष्ण और राधा जी दोनों वहाँ पर अकेले थे। इस बीच श्री कृष्ण जी ने राधा जी को एक बरगद के पेड़ के पीछे ले जाकर उनकी आँखों को अपनी पीतांबर से बांध कर उनको वही पर …