भगवान श्री कृष्ण द्वारा दामोदर लीला

“दामोदर लीला: एक दिव्य प्रेम कथा”। — भाग 1: नन्दलाल की बाललीलाओं की पृष्ठभूमि वृन्दावन! वह पुण्य भूमि जहाँ गोवर्धन की छाया में यमुना कल-कल करती बहती है। वह भूमि जहाँ वनों में ग्वालबालों की हँसी गूंजती है, जहाँ गायों की घंटियों की मधुर ध्वनि और बांसुरी की तान में स्वयं आनंद नृत्य करता है। …

द्वापर युग मे भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी ने ब्रजवासियों के साथ किस प्रकार होली खेली।

भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी की ब्रजभूमि में होली का उत्सव प्रेम, आनंद और भक्ति का अद्वितीय संगम था। द्वापर युग में, ब्रजवासियों के साथ मिलकर उन्होंने जिस प्रकार होली का आनंद लिया, वह आज भी हमारी संस्कृति और परंपराओं में जीवंत है। इस विस्तृत वर्णन को हम निम्नलिखित भागों में विभाजित करेंगे: 1. परिचय: …

यशोदा मईया का भगवान श्री कृष्ण के प्रति कैसा प्रेम था।

यशोदा मईया का भगवान श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम भगवान श्रीकृष्ण का बाल्यकाल उनके भक्तों के लिए दिव्य लीलाओं से भरा हुआ है। विशेष रूप से, उनकी माता यशोदा के साथ उनका संबंध भक्तों के लिए अनन्य प्रेम और वात्सल्य का सबसे पवित्र उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह प्रेम इतना प्रगाढ़ था कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण …

भगवान श्री कृष्ण की श्री राधा रानी संग बाल लीलाए ।

श्री कृष्ण और श्री राधा रानी की बाल लीलाएँ भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी की बाल लीलाएँ प्रेम, भक्ति और अलौकिक आनंद से परिपूर्ण हैं। श्री कृष्ण की बाल लीलाएँ गोपियों, गोप-गोपियों, ब्रजवासियों और विशेष रूप से श्री राधा रानी के साथ अनेक मधुर प्रसंगों से ओतप्रोत हैं। 1. श्री राधा और श्री …

भगवान श्री कृष्ण माखन चोरी क्यों करते थे?

भगवान श्री कृष्ण के माखन चोरी करने की कथा अत्यंत रोचक, गूढ़ रहस्यों से परिपूर्ण और भक्तों के हृदय को आनंदित करने वाली है। यह कथा केवल एक बालक के माखन चुराने की नहीं, बल्कि गहरे आध्यात्मिक रहस्यों को प्रकट करने वाली है। श्रीमद्भागवत महापुराण, हरिवंश पुराण, और विभिन्न संतों द्वारा रचित ग्रंथों में इस …

भगवान श्री कृष्ण की माटी खाने की लीला

भगवान श्री कृष्ण की माटी खाने की लीला भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में से एक अत्यंत प्रसिद्ध और मनोहर लीला है—माटी खाने की लीला। यह लीला न केवल बाल कृष्ण की मोहक चपलता को दर्शाती है, बल्कि इसके गहरे आध्यात्मिक अर्थ भी हैं। यह घटना श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कंध में वर्णित है और …

गोवर्धन कौन थे और वह बृज में कैसे पहुँचे?

गोवर्धन पर्वत का उल्लेख श्रीकृष्ण की लीलाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह पर्वत ब्रजभूमि में स्थित है और श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र के घमंड को चूर करने के लिए उठाया गया था। गोवर्धन का मूल स्वरूप, उनकी बृज में उपस्थिति, और उनसे जुड़ी कथाएँ अत्यंत रोचक और भक्तिपूर्ण हैं। गोवर्धन पर्वत का दिव्य स्वरूप …

दावानल की कथा?

दावानल की कथा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में “दावानल” (जंगल की अग्नि) की कथा अत्यंत रोचक और रहस्यमय है। यह कथा वृंदावन के गोकुलवासियों के उद्धार और भगवान के दिव्य पराक्रम को दर्शाती है। भूमिका जब श्रीकृष्ण गोकुल में बाल लीलाएँ कर चुके, तब माता यशोदा और नंद बाबा ने उन्हें गोकुल से वृंदावन ले …

भगवान श्री कृष्ण की अपने बाल सखाओं के साथ नृत्य लीला।

भगवान श्रीकृष्ण की अपने बाल सखाओं के साथ नृत्य लीला भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएँ अत्यंत मनोहर, मधुर और भक्तों को आनंद देने वाली हैं। उन्होंने नंदगांव और वृंदावन में अपने ग्वाल बाल सखाओं के साथ अनेक प्रकार की लीलाएँ कीं, जिनमें नृत्य लीला भी विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह लीला केवल एक मनोरंजन …

यशोदा मईया और गोकुल की गोपियों ने श्री कृष्ण के जन्म लेने पर उनका किस प्रकार सिंगार किया।

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और उनका दिव्य श्रृंगार भूमिका भगवान श्रीकृष्ण का जन्म केवल यशोदा और नंद बाबा के लिए ही नहीं, बल्कि समस्त गोकुल और ब्रह्मांड के लिए आनंद और उल्लास का संदेश लेकर आया। उनके जन्म की खबर सुनते ही पूरे गोकुल में खुशी की लहर दौड़ गई। गोपियाँ और ग्वाल-बाल आनंदित हो उठे। यशोदा …

भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन लीला क्यो की थी? श्री कृष्ण भगवान का गोवर्धन लीला करने का क्या कारण था।

भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन लीला: एक दिव्य गाथा भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन लीला भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह केवल एक पौराणिक कथा नहीं है, बल्कि इसमें गहरे आध्यात्मिक, नैतिक और पर्यावरणीय संदेश छिपे हुए हैं। इस लीला के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने न केवल इन्द्रदेव के अहंकार …

भगवान श्रीकृष्ण द्वारा वत्सासुर वध की विस्तृत कथा

भगवान श्रीकृष्ण द्वारा वत्सासुर वध की विस्तृत कथा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में असुरों के संहार की घटनाएँ केवल दुष्टों के विनाश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनमें गूढ़ आध्यात्मिक संदेश भी छिपे होते हैं। श्रीकृष्ण ने अनेक असुरों का वध किया, जिनमें से प्रत्येक असुर किसी न किसी बुराई का प्रतीक था। वत्सासुर भी …

भगवान विष्णु संसार के जीवो को क्या उपदेश देते है।

भगवान विष्णु, जिन्हें सृष्टि के पालनकर्ता और धर्म के रक्षक के रूप में जाना जाता है, ने संसार के जीवों को विभिन्न उपदेश दिए हैं, जो वेदों, पुराणों और अन्य धर्मग्रंथों में वर्णित हैं। उनके उपदेश जीवन को सही दिशा में चलाने, धर्म के मार्ग पर चलने और आत्मिक उन्नति प्राप्त करने के लिए अत्यंत …

भगवान श्री कृष्ण ने अघासुर का वध कैसे किया? अघासुर अपने पूर्व जन्म में कौन था

भगवान श्री कृष्ण और अघासुर वध की कथा श्रीमद्भागवत पुराण के 10वें स्कंध में वर्णित है। यह कथा भगवान कृष्ण की दिव्य बाल लीलाओं में से एक है, जिसमें उन्होंने अपने भक्तों की रक्षा और अधर्म के विनाश का कार्य किया। इस कथा में गहरे आध्यात्मिक और सांकेतिक अर्थ भी छिपे हुए हैं। अघासुर का …

श्री कृष्ण भगवान ने कैसे इंद्र का मान भंग किया?

आपने जो विषय दिया है, वह अत्यंत व्यापक और गहराई से समझाने योग्य है। श्रीकृष्ण और इंद्र के बीच गोवर्धन लीला का प्रसंग श्रीमद्भागवत महापुराण में अत्यंत सुंदर और शिक्षाप्रद रूप से वर्णित है। इसे विस्तार से प्रस्तुत करने के लिए हम कथा के सभी प्रमुख पहलुओं, विवरणों, और आध्यात्मिक महत्व पर ध्यान देंगे। यहाँ …

श्री कृष्ण भगवान ने कैसे ब्रह्मा का मान भंग किया?

भगवान श्रीकृष्ण द्वारा ब्रह्मा जी का मान भंग करने की कथा श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कंध में वर्णित है। यह कथा अत्यंत दिव्य, रोचक और गूढ़ रहस्यों से परिपूर्ण है। कथा का मूल उद्देश्य भगवान की लीला के माध्यम से अहंकार और माया के प्रभाव से मुक्त होने का संदेश देना है। नीचे इस कथा …

श्री कृष्ण भगवान ने कालिया नाग का उद्धार कैसे किया? कालिया नाग अपने पूर्व जन्म में कौन था

श्री कृष्ण भगवान की लीलाएँ भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा में अद्वितीय स्थान रखती हैं। इनमें से एक प्रमुख लीला है कालिया नाग का उद्धार। यह घटना श्रीमद्भागवत पुराण के दशम स्कंध में विस्तार से वर्णित है और भगवान श्री कृष्ण के बाल्यकाल की अद्भुत कहानियों में से एक है। इस कथा में भगवान कृष्ण …

भगवान श्री कृष्ण ने तृणावर्त का उद्धार कैसे किया? तृणावर्त अपने पूर्व जन्म में कौन था

भगवान श्री कृष्ण और तृणावर्त का उद्धार: एक विस्तृत व्याख्या भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का भारतीय धर्म और संस्कृति में विशेष महत्व है। उनकी लीलाएं हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन शिक्षाएं प्रदान करती हैं। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण घटना है तृणावर्त असुर का उद्धार, जो भगवान श्री कृष्ण की अद्वितीय शक्ति …

भगवान श्री कृष्ण ने शकटा सुर का वध कैसे किया? शकटा सुर अपने पूर्व जन्म में कौन था

भगवान श्रीकृष्ण की बाल्यकाल की लीलाओं में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय कथा है शकटासुर वध की। यह कथा न केवल श्रीकृष्ण की अलौकिक शक्तियों और चमत्कारों को दर्शाती है, बल्कि इसमें गहरे आध्यात्मिक और पौराणिक अर्थ भी छिपे हुए हैं। यह कहानी उस समय की है जब भगवान श्रीकृष्ण ने बाल रूप में …

श्री कृष्ण भगवान और बलराम जी का नामकरण कैसे हुआ और किसने किया?

भगवान श्रीकृष्ण और बलरामजी का नामकरण संस्कार यदुवंश के कुलगुरु महर्षि गर्गाचार्य द्वारा गोकुल में संपन्न हुआ था। महर्षि गर्गाचार्य द्वापर युग में एक प्रमुख ऋषि और यदुवंश के कुलगुरु थे। उनका जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी को माता विजया और पिता महर्षि भुवमन्यु के घर हुआ था। वे महर्षि भारद्वाज के पौत्र और …

श्री कृष्ण भगवान ने जब कंस के कारागार में अवतार धारण किया तो उनकी स्तुति करने के लिए कौन कौन से देवता आए

श्रीकृष्ण भगवान का अवतार द्वापर युग में हुआ था। उनके जन्म की तिथि को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन रोहिणी नक्षत्र में अर्द्धरात्रि के समय माना जाता है। इस पावन दिन को जन्माष्टमी के रूप में जाना जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, …

भगवान श्री कृष्ण ने पूतना राक्षसी का वध कैसे किया उसको किसने भेजा था और यह राक्षसी अपने पूर्व जन्म में कौन थी

पूतना वध की कथा: भगवान श्री कृष्ण ने पूतना राक्षसी का वध अपनी बाल्यावस्था में किया। पूतना कंस द्वारा भेजी गई थी। कंस ने भविष्यवाणी सुनी थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा, इसलिए उसने अपने आस-पास के सभी नवजात शिशुओं को मारने का आदेश दिया। इसी उद्देश्य से कंस ने पूतना को …

श्री कृष्ण भगवान ने बकासुर का वध कैसे किया और बकासुर अपने पिछले जन्म में कौन था

बकासुर का वध: बकासुर एक राक्षस था जो भगवान श्री कृष्ण के बाल्यकाल में मथुरा के पास व्रज क्षेत्र (गोकुल) में उत्पन्न हुआ था। बकासुर मथुरा के राजा कंस का एक मित्र था और कंस ने उसे व्रजवासियों को परेशान करने के लिए भेजा था। बकासुर ने व्रज के गाँव में आकर वहां के लोगों …

जब वासुदेव मथुरा कारागार में यशोदा की कन्या को लेकर आए तो क्या हुआ

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद, वसुदेव उन्हें मथुरा की कारागार से गोकुल ले गए और वहाँ अपने मित्र नंद बाबा की पत्नी यशोदा माता के पास श्री कृष्ण को लेटा दिया। इसके बदले में, वसुदेव यशोदा की नवजात कन्या को मथुरा ले आए। जब कंस को कन्या होने का पता चला तो उसने उस …

श्री कृष्ण भगवान के गोकुल आगमन पर कैसा उत्सव हुआ

जब भगवान श्री कृष्ण शिशु रूप में गोकुल आये थे। तो बहुत ही भव्य उत्सव हुआ था सभी गोकुल वासी हर्षोउल्लास से भर गए थे क्योकि नंद बाबा को बहुत समय पश्चात पुत्र की प्राप्ति हुई थी। और नंद गोकुल व अन्य आसपास के गांवों व गवालो के मुखिया थे। नंद जी ने पुत्र जन्म …

नंद और यशोदा अपने पूर्व जन्म में कौन थे और उन्होंने भगवान को किस रूप में देखने के लिए तपस्या की

भगवान श्री कृष्ण भक्तों माता यशोदा और नंद जी ने अपने पूर्व जन्म में भगवान की अत्यंत कठोर भक्त्ति की थी। यशोदा मईया और नंद जी अपने पूर्व जन्म में धरा और द्रोण नाम के वसु थे उस समय धरा ओर द्रोण ने गंदमादन पर्वत पर कई हजार वर्षो तक इस उद्देश्य से तपस्या की …

शिव, ब्रह्मा और सभी देवताओं का भगवान विष्णु के पास जाकर पृथ्वी से राक्षसी शक्तियों का विनाश करने के लिए प्रार्थना करना

श्री कृष्ण भगवान के जन्म से पूर्व जब धरती राक्षसी शक्तियों और पापियों के आक्रांत से त्राहि त्राहि हो रही थी तब ब्रह्मा ,शिव और सभी देवतागण एकत्र होकर भगवान विष्णु के पास गए और उनसे विनम्र निवेदन कर कहने लगे कि हे प्रभु आप ही इस जगत के जन्म दाता ,पालन कर्ता और संहारक …

राजा परीक्षित को कलयुग कहाँ मिला और राजा परीक्षित ने कलयुग के शरण मांगने पर उसको कौन कौन से स्थान दिए

एक दिन राजा परीक्षित वन में आखेट के लिए जाते हैं जहाँ अचानक उनका सामना कली पुरूष (कलयुग) से होता है, जो राजा परीक्षित को कलयुग के गुण बताकर उनसे अपने रहने के लिए स्थान मांगता है। राजा परीक्षित ने उसे पांच स्थान में ही रहने की इजाजत दे दी। जहाँ शराब का सेवन हो, …

श्री कृष्ण भगवान जब गोकुल से मथुरा जाने लगे तो अपनी प्रियतम श्री राधा रानी से उन्होंने क्या कहा और श्री राधा रानी ने भगवान श्री कृष्ण से कौन से दो वचन लिये

श्री कृष्ण भगवान जब गोकुल से मथुरा जाने लगे तब वह मथुरा जाने से पहले श्री राधा से मिलने के लिए उनके पास वन में गए जहाँ पर भगवान श्री कृष्ण ज्यादातर राधा रानी से मिलते थे तब श्री राधे रानी ने उन्हें रोकने का बहुत प्रयास किया लेकिन प्रभु तो प्रभु है उन्होंने कर्म …

श्री कृष्ण भगवान ने धर्म को बनाया सृष्टि का आधार

भक्तों जैसे किसी भी वस्तु साधन आदि के निर्माण या उसको चलाने के लिए उसका एक आधार बनाया जाता है वैसे ही भगवान श्री कृष्ण ने इस सृष्टि को सही व समानान्तर रूप से चलाने के लिए इसका एक भाग धर्म बनाया है धर्म ही इस सृष्टि का आधार है ओर उसी तरह इस सृष्टि …

श्री कृष्ण भगवान ने ब्रह्मा का कैसे मान भंग किया और उनको उपदेश देकर क्षमा किया

द्वापर युग मे भगवान श्री कृष्ण अपने बाल सखाओं के साथ वन में गईया चरा रहे थे तो गईया चराते चराते हुए सभी बाल ग्वालों को भूख लगी तो सभी अपने परम सखा श्री कृष्ण कन्हइया को कहने लगे मित्र हमें भूख लगी है चलो भोजन करते है इसलिए सभी जो कुछ अपने अपने घर …

भस्मासुर कौन था? कैलाश पति शिव शंकर भोले नाथ ने भस्मासुर को क्या वरदान दिया । भस्मासुर ने वरदान मिलने के पश्चात क्या किया ? भगवान विष्णु ने शिव शंकर भोले नाथ की भस्मासुर से कैसे रक्षा की ।

भस्मासुर की कथा हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में एक गूढ़ और महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कथा न केवल धर्म और नैतिकता की परंपराओं को उभारती है, बल्कि अहंकार, शक्ति के दुरुपयोग, और ईश्वर की कृपा का महत्व भी बताती है। इस लेख में, हम भस्मासुर के उद्भव, भगवान शिव द्वारा दिए गए वरदान, …

पृथ्वी और सभी देवता भगवान विष्णु के पास क्या प्रार्थना करने गए थे? भगवान विष्णु ने सभी देवताओं को क्या आस्वासन दिया और उसके बाद भगवान विष्णु ने क्या किया।

प्रस्तावना भारतीय पौराणिक कथाओं में अनेक कहानियाँ हैं जो देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष और भगवान विष्णु के दैवीय अवतारों के माध्यम से धर्म की स्थापना को दर्शाती हैं। इनमें से एक अत्यंत महत्वपूर्ण कथा वह है जब पृथ्वी देवी (भू देवी) और अन्य सभी देवता भगवान विष्णु के पास जाकर उनसे प्रार्थना करते …

भगवान ने धरती पर कितने अवतार धारण किये और कहा किए

भगवान विष्णु ने धरती पर विभिन्न युगों में मानवता के कल्याण के लिए अनेक अवतार धारण किए। उनके इन अवतारों का उद्देश्य अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करना था। विष्णु पुराण और श्रीमद्भागवत महापुराण में दस प्रमुख अवतारों का वर्णन है जिन्हें दशावतार कहा जाता है। इसके अलावा भी अनेक अवतारों का उल्लेख …

श्री नारायण भगवान ने नारद मुनि का कैसे मान भंग किया

एक समय की बात है श्री भगवान नारायण अपनी शेष नाग सईया पर ध्यान मगन लेटे हुए थे । उसी समय नारद मुनि नारायण नारायण करते हुए वहाँ पहुँचे और श्री नारायण भगवान को प्रणाम किया । लेकिन नारायण भगवान ध्यानमग्न ही लेटे रहे । लेकिन जब नारदमुनि काफी समय तक श्री नारायण नारायण नाम …

ब्रह्मा जी को दर्शन देकर भगवान विष्णु ने क्या उपदेश दिया था और इस उपदेश का क्या उद्देश्य था

भगवान विष्णु द्वारा ब्रह्मा जी को दिए गए उपदेश का उल्लेख प्रमुख रूप से विष्णु पुराण, श्रीमद्भागवत महापुराण और अन्य वैदिक ग्रंथों में मिलता है। यह उपदेश न केवल सृष्टि के आरंभ के समय ब्रह्मा जी के लिए मार्गदर्शन के रूप में था, बल्कि यह समस्त मानव जाति के लिए धर्म, ज्ञान, कर्म, भक्ति और …

श्री कृष्ण भगवान की गोवर्धन लीला कैसे की और इंद्र का अहंकार कैसे तोड़ा

भगवान श्री कृष्ण की कई दिव्य लीलाएँ हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध लीला “गोवर्धन पर्वत उठाना” है। यह लीला इस प्रकार है: जब इन्द्रदेव ने गोकुलवासियों से नाराज होकर मूसलधार बारिश शुरू कर दी, तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाया और सभी गोकुलवासियों को उसकी छांव में सुरक्षित किया। …

इस सम्पूर्ण सृष्टि का सबसे सर्वोत्तम धाम श्री गोलोक धाम है जहाँ श्री कृष्ण भगवान संग श्री राधा रानी रहती है

भक्तों इस सम्पूर्ण सृष्टि में सबसे सुन्दर और सबसे सर्वोत्तम धाम अगर कोई है तो वह श्री गोलोक धाम है यह धाम भगवान श्री कृष्ण का निवास स्थान है इस धाम में भगवान श्री कृष्ण श्री राधा रानी और अपने पार्षदों व लीलता, विशाखा जैसी परम सखियों के साथ रहते है भगवान श्री कृष्ण के …

श्री राधाकृष्ण प्रेम कथा

श्री राधा जी को जब यह पता चला कि कृष्ण पूरे गोकुल में माखन चोर कहलाता है तो उन्हें बहुत बुरा लगा, उन्होंने कृष्ण को चोरी छोड़ देने का बहुत आग्रह किया। पर जब कृष्ण अपनी माँ की ही नहीं सुनते तो अपनी प्रियतमा की कंहा सुनते । उन्होंने माखन चोरी की अपनी लीला को …

भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी की अद्भुत प्रेम लीला

एक बार श्री कृष्ण और श्री राधा जी एक वन में प्रेम लीला कर रहे थे। भगवान श्री कृष्ण और राधा जी दोनों वहाँ पर अकेले थे। इस बीच श्री कृष्ण जी ने राधा जी को एक बरगद के पेड़ के पीछे ले जाकर उनकी आँखों को अपनी पीतांबर से बांध कर उनको वही पर …