भक्तों इस सम्पूर्ण सृष्टि में सबसे सुन्दर और सबसे सर्वोत्तम धाम अगर कोई है तो वह श्री गोलोक धाम है यह धाम भगवान श्री कृष्ण का निवास स्थान है इस धाम में भगवान श्री कृष्ण श्री राधा रानी और अपने पार्षदों व लीलता, विशाखा जैसी परम सखियों के साथ रहते है भगवान श्री कृष्ण के ये सखियां व पार्षद उनकी सेवा करते रहते है यह धाम उस जीव को प्राप्त होता है जो भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्ति कर इस धाम को प्राप्त हो जाता है इस धाम को प्राप्त करने के पश्चात कुछ भी प्राप्त करना बाकि नही रह जाता । इस धाम की विशेषता यह है कि इस धाम में जो प्राणी प्राप्त कर लेता है वह जीवन मृत्यु के जन्मजन्मांतर के चक्कर से छूट जाता है इस धाम में किसी को भूख प्यास नही लगती इस धाम में बहुत ज्यादा सुंदर भवन,अत्यंत सुंदर बागीचे व अत्यंत सुंदर फल फूल के पौधे है इस धाम में कोई भी फल या भोग का भोग लगता है तो उसको उसका विसर्जन नही करना पड़ता श्री गोलोक धाम इस ब्रह्मांड में सबसे सर्वोत्तम धाम है जब भी भगवान श्री कृष्ण धरती पर किसी भी रूप में अवतार लेते है तब श्री गोलोक धाम में रहने वाले उनके पार्षद व सखियां इस धरती पर श्री कृष्ण भगवान की लीलाओं में उनके सहायक बनने के लिए और उनकी लीलाओं का आनंद लेने के भगवान श्री कृष्ण के आस पास प्रकट होते है इस धाम में श्री कृष्ण भगवान संग श्री राधा रानी भी रहती है जिनको हम जगतजननी महालक्ष्मी भी कहते है श्री गोलोक धाम सभी लोंको मे सबसे ऊपर है जिसको प्राप्त करना अत्यंत मुश्किल है यह धाम देवी देवताओं को भी बड़ी कठिनता से प्राप्त होता है सभी देव देवियां सुर नर मुनि गण आपने प्रारब्ध के अनुसार धरती पर मनुष्य योनि को प्राप्त करते रहते है और हर बार भगवान श्री कृष्ण की भक्ति कर कर श्रेष्ठ लोक जैसे इंद्रलोक आदि को प्राप्त कर लेते है परन्तु श्री गोलोक धाम देव देवियों को भी सहजता से प्राप्त नही होता श्री गोलोक धाम को प्राप्त करने के लिए देवियों और देवताओं को अपने प्रारब्ध के अनुसार श्रेष्ठ लोंको से अपना भोग भोगने के बाद फिर इस धरती पर जन्म लेना पड़ता है जब क्रम अनुसार मनुष्य रूप मे जीव हर बार भगवान श्री कृष्ण की कठोर भक्ति करता है फिर वह समय आता है जब उस जीव की अत्यंत कठोर भक्ति से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते है तब भगवान श्री कृष्ण उस मनुष्य या जीवात्मा को अपने श्री चरणों मे अथवा अपने गोलोक धाम में अपना पार्षद बना लेते है और वह जीवात्मा भगवान श्री कृष्ण में विलीन होकर सदा के लिए जन्मजन्मांतर के चक्कर से छूट जाती है