जब भगवान श्री कृष्ण शिशु रूप में गोकुल आये थे। तो बहुत ही भव्य उत्सव हुआ था सभी गोकुल वासी हर्षोउल्लास से भर गए थे क्योकि नंद बाबा को बहुत समय पश्चात पुत्र की प्राप्ति हुई थी। और नंद गोकुल व अन्य आसपास के गांवों व गवालो के मुखिया थे। नंद जी ने पुत्र जन्म की खुशी में स्वर्ण आभूषण व एक लाख गऊओं का दान किया था। गोकुल व अन्य गांव वासियों की भेटों को प्राप्त कर कर भी तृप्ति नही हुई थी। श्री कृष्ण के अति सुन्दर मुख को देखकर उनका मन बार बार श्री कृष्ण को देखने के लिए लालायित हो रहा था। सभी की नजर पालने में झूल रहे श्री कृष्ण की ओर ही टिकी हुई थी। जो भी श्री कृष्ण के मुख को एक बार देख लेता वो वही खड़ा रह जाता वहाँ से हटता ही नही कहते है कि इतना भव्य रूप गोकुल व अन्य गांव वासियों ने किसी भी नवजात शिशु का पहले कभी नही देखा था। और होता भी कैसे स्वयं सम्पूर्ण भगवान ने धरती पर अवतार धारण किया था।